
राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाद सर्वाधिक चहल-पहल वाला शहर है जोधपुर। 1459 में राठौड़ वंश के प्रमुख राव जोधा ने जोधपुर की स्थापना की। राजस्थान के बीचोंबीच होने से इस शहर को राजस्थान का दिल भी कहते हैं।
राठौड़ वंश के मुगलों के साथ अच्छे संबंध थे। महाराजा जसवंतसिंह (1678) ने शाहजहाँ को सम्राट के सत्तायुद्ध में मदद की थी। औरंगजेब के काल में मुगलों के साथ इनके संबंध बिगड़ गए। औरंगजेब की मृत्यु के बाद महाराजा अजीतसिंह ने मुगलों को अजमेर से खदेड़ दिया। महाराजा उमेदसिंह के काल में जोधपुर एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित हुआ। मध्ययुगीन काल से जोधपुर के शाही परिवारों का पारंपरिक खेल पोलो रहा है। जोधपुर में थलसेना और वायुसेना की बड़ी छावनी है।
